पूछे बिना ही कब आ गये
इस सपने से हमें ना निकलने दो
खो गये हैं इस चाँदनी में
मुझे तो बस यहीं अब रहने दो
पूछे बिना ही कब आ गये
इस सपने से हमें ना निकलने दो
खो गये हैं इस चाँदनी में
मुझे तो बस यहीं अब रहने दो
मुझे तो बस यहीं अब रहने दो
मुझे तो बस यहीं अब रहने दो
अलग मिजाज़ से आए हो
अलग ही तुम रहना
रात तो चमकीली रही मेरी
सुबह सुनहरी कर देना
खुशियों से भर दो तुम
हर सहर को
मुझे तो बस यहीं अब रहने दो
मिल के तुमसे बदल गया कुछ यूँ
हम तो सोचते रह गये ओ ओ ओ
तुम ना थे यहाँ पे मगर हम
ढूंढते ही रह गये
फासलों से ये पल (फासलों से ये पल)
बीत गया कुछ इस सहर में (बीत गया कुछ इस सहर में)
हम तो खो से गये (हम तो खो से गये)
रोक लो अब मुझे
हर सहर को
मुझे तो बस यहीं अब रहने दो