आ मतलब का तू मीत बेदर्दी गरज़ की राखे प्रीत
दुखिया मन को घायल करना समझे तू अपनी जीत
आ
तोरा मन बड़ा पापी साँवरिया रे
तोरा मन बड़ा पापी साँवरिया रे
मिलाए छल-बल से नजरिया रे
मिलाए छल-बल से नजरिया रे
तोरा मन बड़ा पापी साँवरिया रे
तू संगदिल है तेरी ज़िन्दगी में प्यार नहीं
तेरे चमन में है सब-कुछ मगर बहार नहीं
तुझे क़सम है न यूँ मुस्करा के देख हमें
तेरी नज़र का भी ज़ालिम कुछ ऐतबार नहीं
हाँ मिलाए छल-बल से नजरिया रे
मिलाए छल-बल से नजरिया रे
तोरा मन बड़ा पापी साँवरिया रे
सितमगरों की इनायत से बेरुख़ी अच्छी
जो तेरे साथ ना गुज़रे वो ज़िन्दगी अच्छी
गरज़ का यार है मतलब का तू है दीवाना
न तेरी दोस्ती अच्छी न दुश्मनी अच्छी
हाँ मिलाए छल-बल से नजरिया रे
तोरा मन बड़ा पापी साँवरिया रे
जहाँ में हो जिसे जीना वो तुझसे दूर रहे
जो मरना चाहे वो आकर तेरे हुज़ूर रहे
ये क्या गज़ब है कि हम आह करके हों बदनाम
तू लाख ज़ुल्म करे फिर भी बेक़सूर रहे
हाँ मिलाए छल-बल से
मिलाए छल-बल से नजरिया रे
तोरा मन बड़ा पापी साँवरिया रे
तोरा मन बड़ा पापी तोरा मन बड़ा पापी
तोरा मन बड़ा पापी साँवरिया रे