रात को चुपके से
आता है एक फरिश्ता
कुच्छ खुशियो के लम्हे
लाता है एक फरिश्ता
कहत है सपनो के
आगोश मे खो जाओ
तुम भूल के घाम
सारे चुपके से सो जाओ
मई मूंद के पॅल्को
को जाने कब सो जाती हू
अंजनी नागरी मे
कही गुम हो जाती हू
मैं चाहू सपनो मे
बस साथ तुम्हारा हो
मैं चाहू सपनो मे
बस साथ तुम्हारा हो
इन्न मेरे हाथो मे इन्न मेरे
हाथो मे हाथ तुम्हारा हो
मई चाहू सपनो मे
बस साथ तुम्हारा हो
गीतो की रिमझिम मे
चाहत के मौसम मे
तुम हमसे मिलते हो
हम तुमसे मिलते है
दिन रात बदलते है
हालत बदलते है
हर एक पल हर एक लम्हा
हम संग संग चलते है
फिर सुबह होती है
और टूटते है सपने
ना जाने ऐसे क्यों
रठाते है सपने
तुम तन्हा रहते हो
मई तन्हा रहती हू
एक बार नही सौ बार
मे फिर भी कहती हू
मैं चाहू सपनो मे
बस साथ तुम्हारा हो
अंजनी रहो मे
जीवन की बहो मे
कभी सुख भी मिलते है
कभी दुख भी मिलते है
कल किसने देखा है
कल किसने जाना है
तकदीर के यह अफ़साने
हम सबको चलते है
कभी ख्वाहिश दिल
की यहा पूरी होती है
कभी ख्वाहिश दिल
की दिल मे रहती है
पल पल यह सफ़र लेकिन
चलता ही रहता है
हर सास मे एक रंग
नया भरता ही रहता है
मई चाहू सपनो मे
बस साथ तुम्हारा हो
मई चाहू सपनो मे
बस साथ तुम्हारा हो
इन्न मेरे हाथो मे इन्न
मेरे हाथो मे हाथ तुम्हारा हो
मई चाहू सपनो मे
बस साथ तुम्हारा हो
मई चाहू सपनो मे