पीना हराम है तो निग़ाहें मिला के पी
पीना हराम है तो निग़ाहें मिला के पी
मेरी नज़र के जाम को दिल से लगा के पी
पीना हराम है
ज़ुल्फ़ों की बदलियों से बरसती है मस्तिया
ज़ुल्फ़ों की बदलियों से बरसती है मस्तिया
मेरी अदा अदा में चमकती है बिजलिया
तू ऐसी रौशनी में ज़रा मुस्कुराके पी
पीना हराम है तो निग़ाहें मिला के पी
पीना हराम है
आँखों के सागरो में डुबादे तू अपना ग़म
ए मेरे दिल के चैन नहीं तू किसी से कम
मैं नाचती हू साज़ उठा गुनगुना के पी
पीना हराम है तो निग़ाहें मिला के पी
मेरी नज़र के जाम को दिल से लगा के पी
पीना हराम है