निकले थे कहा जाने के लिए
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं
हमने भी कभी हो
हमने भी कभी इस गुलशन में
एक ख्वाब-ए-बहारा देखा था
एक ख्वाब-ए-बहारा देखा था
कब फूल झड़े
कब फूल झड़े कब गर्द उड़े
कब आयी खिजा मालूम नहीं
कब आयी खिजा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं
दिल शोला ए ग़म से हो
दिल शोला ए ग़म से खाक हुआ
या आग लगी अरमानो में
या आग लगी अरमानो में
क्या चीज़ जली
क्या चीज़ जली क्यों सीने से
उठता है धुवा मालूम नहीं
उठता है धुवा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं
बरबाद वफ़ा हो
बरबाद वफ़ा का अफसाना
हम किससे कहे और कैसे कहें
हम किससे कहे और कैसे कहें
खामोश हैं लब
खामोश हैं लब और दुनिया को
अश्को की जुबान मालूम नहीं
अश्को की जुबान मालूम नहीं
निकले थे कहा जाने के लिए
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं