मोहब्बत हो गयी है
मोहब्बत हो गयी है, मेरे मेहरबान को
किसी ना-मेहरबान से
मोहब्बत हो गयी है, मेरे मेहरबान को
किसी ना-मेहरबान से
मोहब्बत हो गयी है
आज आलम है, यू बेखुदी का
जैसे हो जाए, कोई किसी का
आज आलम है, यू बेखुदी का
जाने वफा चुन के लाए हो, फूल किस गुलिस्ताँ से
मोहब्बत हो गयी है, मेरे मेहरबान को
किसी ना-मेहरबान से
मोहब्बत हो गयी है
आज नजरे भी हैं, बहकी बहकी
आज साँसे भी हैं, महकी महकी
आज नजरे भी हैं, बहकी बहकी
जाने वफा चुन के लाए हो, फूल किस गुलिस्ताँ से
मोहब्बत हो गयी है, मेरे मेहरबान को
किसी ना-मेहरबान से
मोहब्बत हो गयी है
कल तो ऐसी ना, थी बेकरारी
आज क्यों दिल पे उलझन है सारी
कल तो ऐसी ना, थी बेकरारी
जाने वफ़ा कहिए कहिए, हाय अल्लाह कुछ तो ज़ुबान से
मोहब्बत हो गयी है, मेरे मेहरबान को
किसी ना-मेहरबान से
मोहब्बत हो गयी है