मन बहक रहा है बार बार शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
शाम का बदन महक रहा है शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
शाम का बदन महक रहा है शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
थोड़ा सा महका बदन
थोड़ा सा महका बदन थोड़ा सा बहका बदन
थोड़ा सा महका बदन थोड़ा सा बहका बदन
बोली ये बाँसुरी ये तेरे नाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
शाम का बदन महक रहा है शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
पास है आज कोई
पास है आज कोई फेर दे लाज कोई
पास है आज कोई फेर दे लाज कोई
हो गयी बाँवरी पी तेरे नाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
शाम का बदन महक रहा है शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से