छूओ ना
मर जाऊ शरमा के ऊई
मैं हूँ छुई-मुई
आँखों से देखो लेकिन छूओ ना
मर जाऊ शरमा के ऊई
मैं हूँ छुई-मुई
आँखों से देखो लेकिन छूओ ना
मर जाऊ शरमा के ऊई
खिलते बागों की मैं कोमल डाली थी
घर में लाकर रखा तुमने
चाहा दिल से फिर भी मर जाऊ, मर जाऊ
मर जाऊ शरमा के ऊई
मैं हूँ छुई-मुई
आँखों से देखो लेकिन छूओ ना
मर जाऊ शरमा के ऊई
मदिरा की हूँ प्याली लेकिन छोटी सी
प्यासे हो तुम कुए जैसे
थर-थर कापूँ, मैं डर जाऊ, मर जाऊ
मर जाऊ शरमा के ऊई
मैं हूँ छुई-मुई
आँखों से देखो लेकिन छूओ ना
मर जाऊ शरमा के ऊई
मैं हूँ छुई-मुई
आँखों से देखो लेकिन छूओ ना