किस्मत जो पिलाये हमको
वो ज़हर तो पीना होगा
किस्मत जो पिलाये हमको
अरमान तो है मरने का
अफ़सोस के जीना होगा हाय
अफ़सोस के जीना होगा
किस्मत जो पिलाये हमको
वो ज़हर तो पीना होगा
किस्मत जो पिलाये हमको
हर मोड़ पे गम के पहरे
हर राह में दरिया गहरे
ये उलझे वक़्त की बर्दिशे
ऐ काश कही तो ठहरे
तकदीरे मगर कहती है
ऐसा तो कभी न होगा हाय
ऐसा तो कभी न होगा
किस्मत जो पिलाये हमको
पलकों पे रुके अश्को को
बहने की इजाज़त देदे
ऐ ज़िन्दगी देने वाले
मरने की तो फुर्सत देदे
तकदीर मगर कहती है
ऐसा तो कभी न होगा हाय
ऐसा तो कभी न होगा
किस्मत जो पिलाये हमको
वो ज़हर तो पीना होगा
किस्मत जो पिलाये हमको