आ आ आ आ आ आ आ आ
जुस्तजू जिसकी थी
उस को तो न पाया हमने
जुस्तजू जिसकी थी
उस को तो न पाया हमने
इस बहाने से मगर
देख ली दुनिया हमने
जुस्तजू जिसकी थी
तुझको रुसवा न किया
आ आ आ आ आ आ आ आ
तुझको रुसवा न किया
खुद भी पशेमाँ न हुये
इश्क़ की रस्म को
इश्क़ की रस्म को
इस तरह निभाया हमने
इश्क़ की रस्म को
इस तरह निभाया हमने
जुस्तजू जिसकी थी
कब मिली थी कहाँ बिछड़ी थी
आ आ आ आ आ आ आ आ
कब मिली थी कहाँ बिछड़ी थी
हमें याद नहीं
ज़िंदगी तुझको तो
ज़िंदगी तुझको तो
बस खाब में देखा हमने
ज़िंदगी तुझको तो
बस खाब में देखा हमने
जुस्तजू जिसकी थी
ऐ अदा
आ आ आ आ आ आ
ऐ अदा और सुनाये भी तो क्या हाल अपना
उम्र का लम्बा सफ़र
उम्र का लम्बा सफ़र
तय किया तनहा हमने
उम्र का लम्बा सफ़र
तय किया तनहा हमने
जुस्तजू जिसकी थी
उस को तो न पाया हमने
इस बहाने से मगर
देख ली दुनिया हमने
जुस्तजू जिसकी थी