हाय किसी का रंगीं आँचल हाथ में आ के छूट गया
दिल का नाज़ुक-नाज़ुक शीशा ठेस लगी
ठेस लगी और टूट गया ठेस लगी और टूट गया
हाय किसी का रंगीं आँचल हाथ में आ के छूट गया
ऐसे चली तक़दीर की आँधी प्यार के शम्मे जल न सके
ऐ बिमार-ए-मोहब्बत गम से तेरी नब्जें डूब चलीं
छुपके-छुपके तेरी दुनिया घर का भेदी
हाय घर का भेदी लुट गया, घर का भेदी लुट गया
हाय किसी का रंगीं आँचल हाथ में आ के छूट गया
जिसको नजरें ढूंढ रही हैं हाय वही महफ़िल में नहीं
थोड़ा सा भी दर्द-ए-मोहब्बत उस ज़ालिम के दिल में नहीं
दिलवालों को रंज यही है बन के नसीबा
बन के नसीबा फूट गया, बन के नसीबा फूट गया
हाय किसी का रंगीं आँचल हाथ में आ के छूट गया
हाथ कलेजे पे रख-रख के हमने जिसको याद किया
उसने हमसे फेर के आँखे ग़ैर का घर आबाद किया
कहती है ठंडी-ठंडी आहें प्यार का जादू
प्यार का जादू टूट गया, प्यार का जादू टूट गया
हाय किसी का रंगीं आँचल हाथ में आ के छूट गया
दिल का नाज़ुक-नाज़ुक शीशा ठेस लगी
ठेस लगी और टूट गया ठेस लगी और टूट गया
हाय किसी का रंगीं आँचल हाथ में आ के छूट गया