चलो रे मन गंगा जमुना तीर
चलो रे मन गंगा जमुना तीर
जिसके स्नान से ज्ञान बढ़त हे
निरमल होत शरीर
चलो रे मन गंगा जमुना तीर
चलो रे मन गंगा जमुना तीर
कालिंदी तट प्रथम निभाया
ओसर होती चुन चुन काया काया
लहर लहर पर लहराती हु
लहर लहर पर लहराती हु
शीतल मंगल शरीर
चलो रे मन गंगा जमुना तीर
चलो रे मन गंगा जमुना तीर
मन का भवरा गाये गुण गुण
आज उठी सपनों का मधुबन
सपनों का मधुबन
सुन मोहन की मधुर मुरलिया
सुन मोहन की मधुर मुरलिया
मिलते मन के तीर
चलो रे मन गंगा जमुना तीर
चलो रे मन गंगा जमुना तीर
छोड के जग के बंधन सारे
आज चलो मां पुण्य किनारे
पुण्य किनारे
जनम जनम के मेरे सारे
जनम जनम के मेरे सारे
तनमन निर्मल मीत
चलो मन गंगा-जमुना तीर