[ Featuring Geeta Dutt ]
हमरे मनोरथ पुरे करना
रघुपति राघव राजा राम
रघुपति राघव राजा राम
तुम चाहो तो पल भर में
बन जाये अपने बिगड़े काम
रघुपति राघव राजा राम
रघुपति राघव राजा राम
रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
बोलो सियापति राम चंदर की जय
राम सोने के हिरन की पीछे गए
क्यों राम अभी तक आये नहीं
नारी का मन कोमल ठहरा
सीता जी घबराये गयी
श्री राम की खोज खबर लेने
जब पड़ा लक्ष्मण को जाना
कुटिया के चारों और
एक घेरा सा खीचा अंजान
नत माथे किया फिर सीता से
तुम इसके बाहर मत जाना
तुम इसके बाहर मत जाना
तुम इसके बाहर मत जाना
रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
हो रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
अलख निरंजन
रावण चतुर खिलाडी
आया बन के भिकारी
आया बन के भिकारी
बोला भिक्षा दे दे माई
सीता जी को दया आई
सीता जी को दया आई
हो जो था घर में लेके आयी
कहा आगे आओ साई
कहा आगे आओ साई
रावण बोलै बहार आओ
साधु से काहे शर्माओ
साधु से काहे शर्माओ
हो सीता बहकावे में आयी
घेरा छोडा बाहर आयी
घेरा छोडा बाहर आयी
रावण ने उनको उठाया
जबरन कंधे पे बिठाया
जबरन कंधे पे बिठाया
लेकर चला समुन्दर पार
सीता रोवे जार जार
रोवे जंगल और पहाड़
रोवे जंगल और पहाड़
सुनके उनका हा हा कर
सुनके उनका हा हा कर
सुनके उनका हा हा कर
रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
हो रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
जो कोई हर पराई सीता
उसका होके रहे फजीता
राम ने की लंका पे चढ़ाई
खूब हुई घमसान लड़ाई
हो इधर राम लक्ष्मण हनुमान
उधर खड़ा रावण शैतान
मुर्ख राक्षश तू जिद्द मत कर
अब भी कहना मान मेरा
तेरी हद ने ओ हद धर्मी
मौत का है सामान किया
तेरी मौत का है सामान किया
मेरे एक बन के चुत ते ही
निकलेंगे तेरे प्राण अभी
निकलेंगे तेरे प्राण अभी
तेरे दसों शीश इस धरती पे
लुढ़केंगे गेंद सामान अभी
लुढ़केंगे गेंद सामान अभी
रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
हो रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
क्यू मुझे डरांव रामचंद्र परवा नही मुझे
जान कि मेरी जान में जब्तक जान हे
मेरी रहेगी जान कि
होशियार खबरदार होशियार खबरदार
रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
हम रघुवर के गुण गावे रे
बोलो सियापती रामचंद्र कि जय