दिल टूटा वे
सब झूठा वे
माहिया तू की लै गया
जग रूठा वे हो रब झूठा वे
बन्देयाँ नूँ की कह गया
रोंदी रोंदी अखियों से सपने भी झर झर जावे
कि किस नूँ बतावे की होंदा प्यार
दर दर फिरेया कि यार नज़र किथों आवे
के उस नूँ बतावे की होंदा प्यार
दिल टुटा वे हो सब झूठा वे
माहिया तू की दे गया
जग रूठा वे हो रब झूठा वे
माहिया तू की कह गया
रोंदी रोंदी अखियों से सपने भी बह बह जावे
कि किस नूँ बतावे की होंदा प्यार
दर दर फिरेया कि यार नज़र किथों आवे
कि समझ ना आवे की होंदा प्यार
कोई इश्क़ दिलासा देने इक इल्म ज़रा सा देदे
वो जो मेरा था मुझे ही क्यों मिलता ही नहीं
कभी तुझसे बग़ावत कर लूँ
चाहे चुपके इबादत कर लूँ
कुछ भी मैं कर लूँ तू क्यों सुनता ही नहीं
मेरा महरम मारे ताने
तेरा इश्क़ रहम ना जाने
कैसी सच्ची प्रीत लगाके भी तू कल्ला रह गया वे
टूटे टूटे दिल दी ये धड़कन
तुर तुर जावे किथों उड़ जावे की होंदा प्यार
पीर फकीरा वी किनी किताब पढ़ावे
की समझ ना आवे की होंदा प्यार
दिल टुटा माही दिल टुटा माही
दिल टुटा माही दिल टुटा माही
दिल टुटा माही दिल टुटा माही
दिल टुटा माही दिल टुटा माही
आलम फ़ाज़िल (दिल टुटा माही दिल टुटा माही)
यार सयाने (दिल टुटा माही दिल टुटा माही)
आये थे हमको (दिल टुटा माही दिल टुटा माही)
समझाने (दिल टुटा माही दिल टुटा माही)
हमने कहा तुमहे (दिल टुटा माही दिल टुटा माही)
ख़ाक पता है (दिल टुटा माही दिल टुटा माही)
जिसको लगी हे (दिल टुटा माही दिल टुटा माही)
वोही जाने (दिल टुटा माही दिल टुटा माही)
रोंदी रोंदी अखियों से सपने भी झर झर जावे
कि नज़र ना आवे की होंदा प्यार
पीर फकीरा वि इन्नी किताब पढ़ावे
की समझ ना आवे की होंदा प्यार
दिल टूटा वे ओ सब झूठा वे
माहिया तू की लै गया