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Man Ke Darpan Men Chehra Video (MV)




Performed By: Anuradha Paudwal
Featuring: Hariharan
Length: 4:44
Written by: Jaidev, Naqsh Lyallpuri




Anuradha Paudwal - Man Ke Darpan Men Chehra Lyrics
Official




[ Featuring Hariharan ]

मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
इन निगाहो को अब और क्या चाहिए

आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
मेरी बाहो को अब और क्या चाहिए

मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
मन के दर्पण मे

मैने माँगा था गुल गुलसिटा मिल गया
मैने माँगा

मैने माँगा था गुल गुलसिटा मिल गया

एक जर्रे को सारा जहा मिल गया

आपसे मिल के मुझको सभी कुछ मिला
आपसे मिल के मुझको सभी कुछ मिला
मेरी चाहो को अब और क्या चाहिए

आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
मेरी बाहो को अब और क्या चाहिए
मान के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
मान के दर्पण मे

खो गयी है उजालो मे मेरी नज़र
खो गयी है

खो गयी है उजालो मे मेरी नज़र

आ गयी प्यार की मुस्काती सहेर

हर कदम पर बहारो की मंज़िल मिली
हर कदम पर बहारो की मंज़िल मिली
मेरी राहो की अब और क्या चाहिए

आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
मेरी बाहो को अब और क्या चाहिए

मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
इन निगाहो को अब और क्या चाहिए (इन निगाहो को अब और क्या चाहिए)
मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका (मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका)
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मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
इन निगाहो को अब और क्या चाहिए

आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
मेरी बाहो को अब और क्या चाहिए

मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
मन के दर्पण मे

मैने माँगा था गुल गुलसिटा मिल गया
मैने माँगा

मैने माँगा था गुल गुलसिटा मिल गया

एक जर्रे को सारा जहा मिल गया

आपसे मिल के मुझको सभी कुछ मिला
आपसे मिल के मुझको सभी कुछ मिला
मेरी चाहो को अब और क्या चाहिए

आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
मेरी बाहो को अब और क्या चाहिए
मान के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
मान के दर्पण मे

खो गयी है उजालो मे मेरी नज़र
खो गयी है

खो गयी है उजालो मे मेरी नज़र

आ गयी प्यार की मुस्काती सहेर

हर कदम पर बहारो की मंज़िल मिली
हर कदम पर बहारो की मंज़िल मिली
मेरी राहो की अब और क्या चाहिए

आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
आपने बढ़के मुझको सहारा दिया
मेरी बाहो को अब और क्या चाहिए

मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका
इन निगाहो को अब और क्या चाहिए (इन निगाहो को अब और क्या चाहिए)
मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका (मन के दर्पण मे चेहरा खिला आपका)
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Writer: Jaidev, Naqsh Lyallpuri
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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