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Baba Ki Bitiya Video (MV)




Performed By: Anuradha Paudwal
Length: 6:00
Written by: Rani Malik




Anuradha Paudwal - Baba Ki Bitiya Lyrics
Official




हम्म हम्म
बाबा की बिटिया (हम्म)
हुई परायी (हम्म)
छर छर बहती है असुअन धार
काहे को रोये (हम्म)
बाबुल मोरे (हम्म)
छोड़ चली मैं अपना दुलार
राजा हो या रंक हो कोई
सब ने इस पर मानी हार
आ आ आ आ
बाबा की बिटिया (हम्म)
हुई परायी (हम्म)
छर छर बहती है असुअन धार
काहे को रोये (हम्म)
बाबुल मोरे (हम्म)
छोड़ चली मैं अपना दुलार

पहले फेरे का पहला वचन है
पहले फेरे का पहला वचन है
मेरा पति परमेश्वर जैसे
दूजे फेरे का दूजा वचन है
दूजे फेरे का दूजा वचन है
सास ससुर माँ बाबा के जैसे
तीजे फेरे का तीजा वचन है
मैं घर की मर्यादा बढ़ाऊ
चौथे फेरे का चौथा वचन है
वंश की बेल को आगे बढ़ाऊ

आ आ आ आ
डोली उठी है हम्म
हुई विदाई हम्म
ले के चले है जान का हाथ
बाबा की बिटिया हम्म
हुई परायी हम्म

हम्म हम्म
पांचवे फेरे का पांचवा वचन है
पांचवे फेरे का पांचवा वचन है
गृह लक्ष्मी का रूप धरु में
छटवे फेरे का छटवा वचन है
छटवे फेरे का छटवा वचन है
देवर ननद को भाई बहन कहुँ मैं
सातवें फेरे का सातवां वचन है
जब भी मरू तो मैं सुहागन मरू मैं

सातों वचन जो मैंने लिए है
राम कृपा से पुरे करू मै
आ आ आ आ
मायके से उठ के (आ)
आ गयी डोली (आ)
पहुँच गयी है सजना के द्वार
आ आ आ आ
आ आ आ आ
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हम्म हम्म
बाबा की बिटिया (हम्म)
हुई परायी (हम्म)
छर छर बहती है असुअन धार
काहे को रोये (हम्म)
बाबुल मोरे (हम्म)
छोड़ चली मैं अपना दुलार
राजा हो या रंक हो कोई
सब ने इस पर मानी हार
आ आ आ आ
बाबा की बिटिया (हम्म)
हुई परायी (हम्म)
छर छर बहती है असुअन धार
काहे को रोये (हम्म)
बाबुल मोरे (हम्म)
छोड़ चली मैं अपना दुलार

पहले फेरे का पहला वचन है
पहले फेरे का पहला वचन है
मेरा पति परमेश्वर जैसे
दूजे फेरे का दूजा वचन है
दूजे फेरे का दूजा वचन है
सास ससुर माँ बाबा के जैसे
तीजे फेरे का तीजा वचन है
मैं घर की मर्यादा बढ़ाऊ
चौथे फेरे का चौथा वचन है
वंश की बेल को आगे बढ़ाऊ

आ आ आ आ
डोली उठी है हम्म
हुई विदाई हम्म
ले के चले है जान का हाथ
बाबा की बिटिया हम्म
हुई परायी हम्म

हम्म हम्म
पांचवे फेरे का पांचवा वचन है
पांचवे फेरे का पांचवा वचन है
गृह लक्ष्मी का रूप धरु में
छटवे फेरे का छटवा वचन है
छटवे फेरे का छटवा वचन है
देवर ननद को भाई बहन कहुँ मैं
सातवें फेरे का सातवां वचन है
जब भी मरू तो मैं सुहागन मरू मैं

सातों वचन जो मैंने लिए है
राम कृपा से पुरे करू मै
आ आ आ आ
मायके से उठ के (आ)
आ गयी डोली (आ)
पहुँच गयी है सजना के द्वार
आ आ आ आ
आ आ आ आ
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Writer: Rani Malik
Copyright: Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Shemaroo Entertainment Limited


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