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Anup Jalota - Kabhi Khamosh Baithoge Lyrics



Anup Jalota - Kabhi Khamosh Baithoge Lyrics
Official




कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे

कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे

कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुमसे
कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुमसे
बहुत समझाना चाहोगे मगर समझा ना पाओगे
बहुत समझाना चाहोगे मगर समझा ना पाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे

मेरा गम मुस्कुराने पर तुम्हें मजबूर कर देगा
मेरा गम मुस्कुराने पर तुम्हें मजबूर कर देगा
किसी महफ़िल मे जाओगे तो रसमन मुस्कुराओगे
किसी महफ़िल मे जाओगे तो रसमन मुस्कुराओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे

तसव्वुर मे कभी आऊँगा लम्हाते हसी बन कर
तसव्वुर मे कभी आऊँगा लम्हाते हसी बन कर
कभी आहट मेरी पाओगे और मुझ को ना पाओगे
कभी आहट मेरी पाओगे और मुझे को ना पाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
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कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे

कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे

कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुमसे
कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुमसे
बहुत समझाना चाहोगे मगर समझा ना पाओगे
बहुत समझाना चाहोगे मगर समझा ना पाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे

मेरा गम मुस्कुराने पर तुम्हें मजबूर कर देगा
मेरा गम मुस्कुराने पर तुम्हें मजबूर कर देगा
किसी महफ़िल मे जाओगे तो रसमन मुस्कुराओगे
किसी महफ़िल मे जाओगे तो रसमन मुस्कुराओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे

तसव्वुर मे कभी आऊँगा लम्हाते हसी बन कर
तसव्वुर मे कभी आऊँगा लम्हाते हसी बन कर
कभी आहट मेरी पाओगे और मुझ को ना पाओगे
कभी आहट मेरी पाओगे और मुझे को ना पाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
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Writer: JAGJIT SINGH, NAZIR BANARSI
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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