[ Featuring Harshdeep Kaur ]
जिद फसिये कमादे मोड़ दे
तू आ जा ख़ुशी मोड़ के
ज़िंदगी से पूछा मैंने यारा तू बता
चाँद के बिना होती हैं रातें क्यूँ भला
हे हे हे हे हे हे हे हे
ज़िंदगी से पूछा मैंने यारा तू बता
चाँद के बिना होती हैं रातें क्यूँ भला
मुझको समझ ना आये क्या हो रहा
पर जानती हु मैं किनारा तू मेरा
तू शायरी है बुल्ल्ह शाह दी
जो छू के मेरी रूह गयी
वे सच्चियाँ , वे सच्चियाँ
वे सचियाँ दिला दे रब्बा
प्रीता वे सच्चियाँ वे सच्चियाँ रब्बा
वे सचियाँ वे सच्चियाँ
वे सचियाँ दिलादे रब्बा
प्रीता वे सच्चियाँ वे सच्चियाँ रब्बा
हो उस जोगी विच रांझे दा
हो मेरी रूह विच जोगी दा
बाँधदा आए धागा
हो धागा धागा बाँधदा आए धागा
हो उस जोगी विच रांझे दा
हो मेरी रूह विच जोगी दा
किश्तों में जीना है ना
कर्ज़े चुकाने है ना
हो गया रवाना जोगीया
धुप छाँव जो भी आएं
मेरे पाऊँ सब सेह जाएँ
लांघ जाऊं सारे इम्तेहान
आवे यारा तू ही मेरा इक्को आसरा
खिदमत में ये तेरी सिर है झुका
तू शायरी है बुल्ल्ह शाह दी
जो दिल को सुकून दे गयी
वे सच्चियाँ , वे सच्चियाँ
वे सच्चियाँ दिला दे रब्बा
प्रीता वे सच्चियाँ वे सच्चियाँ रब्बा
वे सच्चियाँ , वे सच्चियाँ
वे सच्चियाँ दिला दे रब्बा
प्रीता वे सच्चियाँ वे सच्चियाँ रब्बा