[ Featuring Shilpa Rao, Aqeel Ali ]
मेरी रूह का परिन्दा फड़फड़ाये
लेकिन शुकूँन का जज़ीरा मिल न पाये
मैं की कराँ मैं की कराँ
इक बार को तजल्ली तो दिखा दे
झूठी सही मगर तसल्ली तो दिला दे
मैं की कराँ मैं की कराँ
राँझण दे यार बुल्लेया
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा मुर्शिद मेरा
तेरा मुक़ाम कमले शरहद के पार बुल्लेया
परवर दिगार बुल्लेया हाफ़िज़ तेरा
मुर्शिद मेरा राँझाँ दे यार बुल्लेया
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा मुर्शिद मेरा
तेरा मुक़ाम कमले शरहद के पार बुल्लेया
परवर दिगार बुल्लेया
हाफ़िज़ तेरा मुर्शिद मेरा
मै कागुल से लिपटी तितली की तरह मुँहाजिर हूँ
एक पल को ठहरूँ पल में उड़ जाऊँ
वे मैं ता हूँ पगडण्डी love दी ये जो राह जन्नत की
तू मुड़े जहाँ मैं साथ मुड़ जाऊँ
तेरे कारवाँ में शामिल होना चाहूँ
कमियाँ तराश के मैं क़ाबिल होना चाहूँ
वे की कराँ वे की कराँ
राँझण दे यार बुल्लेया
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा मुर्शिद मेरा
तेरा मुक़ाम कमले शरहद के पार बुल्लेया
परवर दिगार बुल्लेया हाफ़िज़ तेरा
मुर्शिद मेरा
जिस दिन से आशना से दो अजनबी हुये है
तन्हाइयों के लम्हे सब मुल्तवी हुये है
क्यों आज मैं मोहब्बत फिर एक बार करना चाहूँ
हाँ
ये दिल तो ढूँढता है इन्कार के बहाने
लेकिन ये जिस्म कोई पावन्दियाँ न माने
मिलके तुझे बग़ावत ख़ुद से ही यार करना चाहूँ
मुझमें अगन है बाक़ी आज़माले
ले कर रही हूँ ख़ुद को मैं तेरे हवाले
वे राझनाँ वे राझनाँ
राँझण दे यार बुल्लेया
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा मुर्शिद मेरा
तेरा मुक़ाम कमले शरहद के पार बुल्लेया
परवर दिगार बुल्लेया हाफ़िज़ तेरा
मुर्शिद मेरा