हर उमीद टूट'ती ही जाए
छटपटाये टूट'ती ही जाए
डूबते इरादों की नब्ज़ भी
काँपते होंठों के लफ्ज़ भी
होये फिर भी हॉंसलों में
जिस्मों जान
अल्लाह निगहबान.. ओ
अल्लाह निगहबान.. हो
उपर ये जीतने सितारे हैं
उतनी ही दिल में दरारें हैं
तूने जिसे अपना बनाया है
उसने ही तुझको रुलाया
तो क्या हुआ.. तो क्या हुआ
ओ.. तेरी ना कुछ ख़ाता
उसको है सब पता
वो जानता है तू क्यूँ परेशान
अल्लाह निगहबान.. ओ
अल्लाह निगहबान.. हो
जितनी यह दुनिया पुरानी है
उतना ही आँख में पानी है
लोगों के कैसे कलेजे हैं
इतने जो गम तुझे भेजे हैं
तूने सहा.. तूने सहा
जो होना था हुआ
रंग लाएगी दुआ
सजदों से झुका दे आसमान
अल्लाह निगहबान.. ओ (निगहबान)
अल्लाह निगहबान.. हो (निगहबान)