सावन आया बरसी घटायें
छेड़े सरगम महकी हवायें
नैनो मे मिलने की आस हो
फिर भी ये मन क्यू उदास हो
फिर भी ये मन क्यू उदास
सावन आया बरसी घटायें
छेड़े सरगम महकी हवायें
नैनो मे मिलने की आस हो
फिर भी ये मन क्यू उदास हो
फिर भी ये मन क्यू उदास
चारो तरफ़ है घोर अंधेरा
जाने कहाँ है उजला सवेरा
भीग गये हैं पल जो सुहाने
मन मे है उन यादो का बसेरा
दूर भी होके तू है पास हो
फिर भी ये मन क्यू उदास हो
फिर भी ये मन क्यू उदास
प ध सा नि रे रे रे रे रे रे रे रे नि रे नि ध म म म म म म
प ध सा नि रे रे रे रे रे रे रे रे नि रे नि ध म म म म म म
कितने सपने बिखर गये है
रहो मे अपने बिछड़ गये है
ख़ुसीयों की एक झलक दिखा के
ना जाने वो किधर गये है
देके मुझे एक आस हो
फिर भी ये मन क्यू उदास हो
फिर भी ये मन क्यू उदास
सावन आया बरसी घटायें
छेड़े सरगम महकी हवायें
नैनो मे मिलने की आस हो
फिर भी ये मन क्यू उदास हो
फिर भी ये मन क्यू उदास