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Alka Yagnik - Pehle Hi Qayamat Lyrics



Alka Yagnik - Pehle Hi Qayamat Lyrics
Official




[ Featuring Vinod Rathod ]

पहले ही क़यामत क्या कम थी
पहले ही क़यामत क्या कम थी
इक और क़यामत क्र बैठे ये
प्यार तो आग का दरिया हैं
क्यों तुमसे मोहब्बत कर बैठे

हे हे हां आ आ हां आ आ ज़ू ला ला ला आ

पहले ही क़यामत क्या कम थी
पहले ही क़यामत क्या कम थी
इक और क़यामत कर बैठे
ये प्यार तो आग का दरिया हैं क्यों
तुमसे मोहब्बत कर बैठे
पहले ही क़यामत क्या कम थी

हैं कैसी तड़प ये कैसी अगन
पहले कभी न थी ओ मेरे सजन
क्यों होती हैं मेरे सीने में
हलकी हलकी मीठी मीठी सी जलन

मुझको तेरी चाहत थी कब से
आज मैं तुमसे कहता हूँ
एक पल को सुकून नहीं मिलता
बेचैन मं हरदम रहता हूँ
एक पल को सुकून नहीं मिलता
बेचैन मं हरदम रहता हूँ
तेरे प्यार में हम दीवानों सी तेरे
प्यार में हम दीवानों सी
देखो न हालत कर बैठे

ये प्यार तो आग का दरिया हैं
क्यों तुमसे मोहब्बत कर बैठे
पहले ही क़यामत क्या कम थी

खुद आग लगायी हैं मैंने
दिन रात अब हमको जलना हैं
फूलो की डगर या काँटों की
हर हाल में हमको अरे चलना हैं

दिन तो कट जाते हैं लेकिन
रातें अब जाग के काटती हैं
तेरे बिन अब मैं नहीं जी पाऊँगी सांसें
मुझसे ये कहती हैं
तेरे बिन अब मैं नहीं जी पाऊँगी
सांसें मुझसे ये कहती हैं
ये दिल तो बड़ा पागल दिल हैं
ये दिल तो बड़ा पागल दिल हैं
हम दिल से बगावत कर बैठे

ये प्यार तो आग का दरिया हैं
क्यों तुमसे मोहब्बत कर बैठे

पहले ही क़यामत क्या कम थी
इक और क़यामत कर बैठे
[ Correct these Lyrics ]

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पहले ही क़यामत क्या कम थी
पहले ही क़यामत क्या कम थी
इक और क़यामत क्र बैठे ये
प्यार तो आग का दरिया हैं
क्यों तुमसे मोहब्बत कर बैठे

हे हे हां आ आ हां आ आ ज़ू ला ला ला आ

पहले ही क़यामत क्या कम थी
पहले ही क़यामत क्या कम थी
इक और क़यामत कर बैठे
ये प्यार तो आग का दरिया हैं क्यों
तुमसे मोहब्बत कर बैठे
पहले ही क़यामत क्या कम थी

हैं कैसी तड़प ये कैसी अगन
पहले कभी न थी ओ मेरे सजन
क्यों होती हैं मेरे सीने में
हलकी हलकी मीठी मीठी सी जलन

मुझको तेरी चाहत थी कब से
आज मैं तुमसे कहता हूँ
एक पल को सुकून नहीं मिलता
बेचैन मं हरदम रहता हूँ
एक पल को सुकून नहीं मिलता
बेचैन मं हरदम रहता हूँ
तेरे प्यार में हम दीवानों सी तेरे
प्यार में हम दीवानों सी
देखो न हालत कर बैठे

ये प्यार तो आग का दरिया हैं
क्यों तुमसे मोहब्बत कर बैठे
पहले ही क़यामत क्या कम थी

खुद आग लगायी हैं मैंने
दिन रात अब हमको जलना हैं
फूलो की डगर या काँटों की
हर हाल में हमको अरे चलना हैं

दिन तो कट जाते हैं लेकिन
रातें अब जाग के काटती हैं
तेरे बिन अब मैं नहीं जी पाऊँगी सांसें
मुझसे ये कहती हैं
तेरे बिन अब मैं नहीं जी पाऊँगी
सांसें मुझसे ये कहती हैं
ये दिल तो बड़ा पागल दिल हैं
ये दिल तो बड़ा पागल दिल हैं
हम दिल से बगावत कर बैठे

ये प्यार तो आग का दरिया हैं
क्यों तुमसे मोहब्बत कर बैठे

पहले ही क़यामत क्या कम थी
इक और क़यामत कर बैठे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANU MALIK, ZAMEER KAZMI
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Alka Yagnik - Pehle Hi Qayamat Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Alka Yagnik
Featuring: Vinod Rathod
Length: 7:50
Written by: ANU MALIK, ZAMEER KAZMI

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