पढ़ लिख के बड़ा हो के
तू एक किताब लिखना
अपने सवालों का
तू खुद ही जवाब लिखना
पढ़-लिख के बड़ा हो के
तू एक किताब लिखना
अपने सवालों का
तू खुद ही जवाब लिखना
आ आ आ
हाथो से जिनका दामन
एक दिन है छूट जाना
तारो के डूबते ही
जिनको है टूट जाना
ये आँखे देखती है
क्यों ऐसे ख़्वाब लिखना
अपने सवालों का
तू खुद ही जवाब लिखना
हा आ आ
मैंने तो प्यार को ही
मज़हब बना लिया है
इस दिल को दिल की दुनिया का
रब बना लिया है
ईमान हो गया क्या
मेरा खराब लिखना
अपने सवालों का
तू खुद ही जवाब लिखना
हा आ आ
कहते है लोग उनकी
रसमो को मैंने तोड़ा
ये फैसला भी मैंने
तेरी समझ पे छोड़ा
मेरी ख़ताओ का तू
पूरा हिसाब लिखना