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Baadalon Mein Chup Raha Chand [Jhankar] Video (MV)




Performed By: Alka Yagnik
Featuring: Kumar Sanu
Length: 5:37
Written by: Qateel Shifai




Alka Yagnik - Baadalon Mein Chup Raha Chand [Jhankar] Lyrics
Official




[ Featuring Kumar Sanu ]

आहा आहा हम हम हम हम हम हम
हे हाहा हाहा

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी अदा से पूछ लो

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी अदा से पूछ लो

मेरी हसरतो पे बेखुदी सी छा गयी
तुमको देखकर निगाह लड़खड़ा गयी

मेरी हसरतो पे बेखुदी सी छा गयी
तुमको देखकर निगाह लड़खड़ा गयी
निगाह लड़खड़ा गयी
निगाह लड़खड़ा गयी
निगाह लड़खड़ा गयी

हो रहा हूँ मैं नशे में चूर क्यूँ
झूमती हुयी फजा से पूछ लो
हो रहा है बे पिए सुरूर क्यों
मेरी जुल्फ़ की घटा से पूछ लो
बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की जय से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी ऐडा से पूछ लो

दूर मुझसे ग़म है और ख़ुशी करीब है
आज मेरा प्यार कितना खुशनसीब है
दूर मुझसे ग़म है और ख़ुशी करीब है
आज मेरा प्यार कितना खुशनसीब है
कितना खुशनसीब है
कितना खुशनसीब है
कितना खुशनसीब है

झूमता है मेरा अंग अंग क्यूँ
अपनी रूह की सदा से पूछ लो
बज रहे है दिल में जल तरंग क्यूँ
गीत छेदती हवा से पूछ लो

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
हम्म अपने हुस्न की जाया से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी ऐडा से पूछ लो
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आहा आहा हम हम हम हम हम हम
हे हाहा हाहा

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी अदा से पूछ लो

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी अदा से पूछ लो

मेरी हसरतो पे बेखुदी सी छा गयी
तुमको देखकर निगाह लड़खड़ा गयी

मेरी हसरतो पे बेखुदी सी छा गयी
तुमको देखकर निगाह लड़खड़ा गयी
निगाह लड़खड़ा गयी
निगाह लड़खड़ा गयी
निगाह लड़खड़ा गयी

हो रहा हूँ मैं नशे में चूर क्यूँ
झूमती हुयी फजा से पूछ लो
हो रहा है बे पिए सुरूर क्यों
मेरी जुल्फ़ की घटा से पूछ लो
बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की जय से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी ऐडा से पूछ लो

दूर मुझसे ग़म है और ख़ुशी करीब है
आज मेरा प्यार कितना खुशनसीब है
दूर मुझसे ग़म है और ख़ुशी करीब है
आज मेरा प्यार कितना खुशनसीब है
कितना खुशनसीब है
कितना खुशनसीब है
कितना खुशनसीब है

झूमता है मेरा अंग अंग क्यूँ
अपनी रूह की सदा से पूछ लो
बज रहे है दिल में जल तरंग क्यूँ
गीत छेदती हवा से पूछ लो

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
हम्म अपने हुस्न की जाया से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी ऐडा से पूछ लो
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Qateel Shifai
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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