दूर हुई है जबसे मुझसे
मेरी ही परछाई
दूर हुई है जबसे मुझसे
मेरी ही परछाई
ज़िंदा हूँ ना जाने केसे
मौत ना मुझको आई
मैं दिल से दिल मुझ से
करता है जब तेरी बातें
सावन आने से पहले
हो जाती है बरसातें
के घर आजा परदेसी
के तेरी मेरी एक जिंदडी
ओ घर आजा परदेसी
के तेरी मेरी एक जिंदडी
तेरे ये चाहने वाले जाना कम नही होंगे
तेरे ये चाहने वाले जाना कम नही होंगे
दुख तो तुमको होगा उनमे हम नही होंगे
दिल ये हमारा नादान
अब किसी की भी ना समझे
चाहे कितनी हम कोशिश करले
अब दूर ना रहा जाता तुमसे
ओ घर आजा परदेसी
के तेरी मेरी एक जिंदडी
ओ घर आजा परदेसी
के तेरी मेरी एक जिंदडी
उड़जा काले कावां तेरे
मूह विच खंड पावाँ
लेजा तू संदेसा मेरा
मैं सदके जावाँ
बागों में फिर झूले पड गये
पक गया मिठियाँ अमियाँ
ये छोटी सी ज़िंदगी ते
राता लम्बियाँ लम्बियाँ
के घर आजा परदेसी
के तेरी मेरी एक जिंदडी
ओ घर आजा परदेसी
के तेरी मेरी एक जिंदडी