जब कोई बात बिगड़ जाये
जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
जब कोई बात बिगड़ जाये
जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज़
ना कोई है, ना कोई था
ज़िन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज़
हो चांदनी जब तक रात
देता है हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरों में
ना छोड़ना मेरा हाथ
हो चांदनी जब तक रात
देता है हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरों में
ना छोड़ना मेरा हाथ
ना कोई है, ना कोई था
ज़िन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज़
जब कोई बात बिगड़ जाये
जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज़ ओ हमनवाज़ (ओ हमनवाज़ ओ हमनवाज़)
ओ हमनवाज़ (ओ हमनवाज़)