मैं तो हर मोड़ पर
तूझको दूँगा सदा
मैं तो हर मोड़ पर
तूझको दूँगा सदा
मेरी आवाज़ को दर्द के
साज को तू सुने ना सुने
मैं तो हर मोड़ पर
तूझको दूँगा सदा
मैं तो हर मोड़ पर
तूझको दूँगा सदा
मुझे देखकर कह रहे है सभी
मोहब्बत का हासिल है दीवानगी
मुझे देखकर कह रहे है सभी
मोहब्बत का हासिल है दीवानगी
प्यार की रह में, फूल भी थे मगर
मैंने काँटे चुने
मैं तो हर मोड़ पर
तूज़ को दूँगा सदा
मेरी आवाज़ को दर्द के
साज को तू सुने ना सुने
मैं तो हर मोड़ पर
तूज़ को दूँगा सदा
जहा दिल झुका था वही सर झुका
मुझे कोई सजदो से रोकेगा क्या
जहा दिल झुका था वही सर झुका
मुझे कोई सजदो से रोकेगा क्या
काश टूटे ना वो आरज़ू ने मेरी
ख्वाब जो है बुने
मैं तो हर मोड़ पर
तूझको दूँगा सदा
मेरी आवाज़ को दर्द के
साज को तू सुने ना सुने
मैं तो हर मोड़ पर
तूझको दूँगा सदा
मैं तो हर मोड़ पर
तूझको दूँगा सदा